महाभारतम् — 12.215.17
Original
Segmented
यः तु कर्तारम् आत्मानम् मन्यते साधु-असाधु तस्य दोषवती प्रज्ञा स्व-मूर्ति-अज्ञा इति मे मतिः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तु | तु | pos=i |
कर्तारम् | कर्तृ | pos=a,g=m,c=2,n=s |
आत्मानम् | आत्मन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
मन्यते | मन् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
साधु | साधु | pos=a,comp=y |
असाधु | असाधु | pos=a,g=n,c=6,n=d |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
दोषवती | दोषवत् | pos=a,g=f,c=1,n=s |
प्रज्ञा | प्रज्ञा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
स्व | स्व | pos=a,comp=y |
मूर्ति | मूर्ति | pos=n,comp=y |
अज्ञा | अज्ञ | pos=a,g=f,c=1,n=s |
इति | इति | pos=i |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
मतिः | मति | pos=n,g=f,c=1,n=s |