Original

प्रज्ञालाभात्तु दैतेय उताहो धृतिमत्तया ।प्रह्राद स्वस्थरूपोऽसि पश्यन्व्यसनमात्मनः ॥ १२ ॥

Segmented

प्रज्ञा-लाभात् तु दैतेय उत अहो धृतिमत्-तया प्रह्राद स्वस्थ-रूपः ऽसि पश्यन् व्यसनम् आत्मनः

Analysis

Word Lemma Parse
प्रज्ञा प्रज्ञा pos=n,comp=y
लाभात् लाभ pos=n,g=m,c=5,n=s
तु तु pos=i
दैतेय दैतेय pos=n,g=m,c=1,n=s
उत उत pos=i
अहो अहो pos=i
धृतिमत् धृतिमत् pos=a,comp=y
तया ता pos=n,g=f,c=3,n=s
प्रह्राद प्रह्राद pos=n,g=m,c=8,n=s
स्वस्थ स्वस्थ pos=a,comp=y
रूपः रूप pos=n,g=m,c=1,n=s
ऽसि अस् pos=v,p=2,n=s,l=lat
पश्यन् दृश् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
व्यसनम् व्यसन pos=n,g=n,c=2,n=s
आत्मनः आत्मन् pos=n,g=m,c=6,n=s