Original

गुरुरुवाच ।न स वेद परं धर्मं यो न वेद चतुष्टयम् ।व्यक्ताव्यक्ते च यत्तत्त्वं संप्राप्तं परमर्षिणा ॥ १ ॥

Segmented

गुरुः उवाच न स वेद परम् धर्मम् यो न वेद चतुष्टयम् व्यक्त-अव्यक्ते च यत् तत्त्वम् सम्प्राप्तम् परम-ऋषिणा

Analysis

Word Lemma Parse
गुरुः गुरु pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
pos=i
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
वेद विद् pos=v,p=3,n=s,l=lit
परम् पर pos=n,g=m,c=2,n=s
धर्मम् धर्म pos=n,g=m,c=2,n=s
यो यद् pos=n,g=m,c=1,n=s
pos=i
वेद विद् pos=v,p=3,n=s,l=lit
चतुष्टयम् चतुष्टय pos=n,g=n,c=2,n=s
व्यक्त व्यक्त pos=a,comp=y
अव्यक्ते अव्यक्त pos=n,g=n,c=2,n=d
pos=i
यत् यद् pos=n,g=n,c=1,n=s
तत्त्वम् तत्त्व pos=n,g=n,c=1,n=s
सम्प्राप्तम् सम्प्राप् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
परम परम pos=a,comp=y
ऋषिणा ऋषि pos=n,g=m,c=3,n=s