महाभारतम् — 12.209.1
Original
Segmented
गुरुः उवाच निष्कल्मषम् ब्रह्मचर्यम् इच्छता चरितुम् सदा निद्रा सर्वात्मना त्याज्या स्वप्न-दोषान् अवेक्षता
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
गुरुः | गुरु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
निष्कल्मषम् | निष्कल्मष | pos=a,g=n,c=2,n=s |
ब्रह्मचर्यम् | ब्रह्मचर्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
इच्छता | इष् | pos=va,g=m,c=3,n=s,f=part |
चरितुम् | चर् | pos=vi |
सदा | सदा | pos=i |
निद्रा | निद्रा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
सर्वात्मना | सर्वात्मन् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
त्याज्या | त्यज् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=krtya |
स्वप्न | स्वप्न | pos=n,comp=y |
दोषान् | दोष | pos=n,g=m,c=2,n=p |
अवेक्षता | अवेक्ष् | pos=va,g=m,c=3,n=s,f=part |