महाभारतम् — 12.208.1
Original
Segmented
गुरुः उवाच दुरन्तेषु इन्द्रिय-अर्थेषु सक्ताः सीदन्ति जन्तवः ये तु असक्ताः महात्मानः ते यान्ति परमाम् गतिम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
गुरुः | गुरु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
दुरन्तेषु | दुरन्त | pos=a,g=m,c=7,n=p |
इन्द्रिय | इन्द्रिय | pos=n,comp=y |
अर्थेषु | अर्थ | pos=n,g=m,c=7,n=p |
सक्ताः | सञ्ज् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
सीदन्ति | सद् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
जन्तवः | जन्तु | pos=n,g=m,c=1,n=p |
ये | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
तु | तु | pos=i |
असक्ताः | असक्त | pos=a,g=m,c=1,n=p |
महात्मानः | महात्मन् | pos=a,g=m,c=1,n=p |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
यान्ति | या | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
परमाम् | परम | pos=a,g=f,c=2,n=s |
गतिम् | गति | pos=n,g=f,c=2,n=s |