महाभारतम् — 12.205.5
Original
Segmented
न अशुद्धम् आचरेत् तस्माद् अभीप्सन् देह-यापनम् कर्मणो विवरम् कुर्वन् न लोकान् आप्नुयात् शुभान्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
न | न | pos=i |
अशुद्धम् | अशुद्ध | pos=a,g=n,c=2,n=s |
आचरेत् | आचर् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
तस्माद् | तस्मात् | pos=i |
अभीप्सन् | अभीप्स् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
देह | देह | pos=n,comp=y |
यापनम् | यापन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
कर्मणो | कर्मन् | pos=n,g=n,c=6,n=s |
विवरम् | विवर | pos=n,g=n,c=2,n=s |
कुर्वन् | कृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
न | न | pos=i |
लोकान् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=p |
आप्नुयात् | आप् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
शुभान् | शुभ | pos=a,g=m,c=2,n=p |