महाभारतम् — 12.205.27
Original
Segmented
गुरुः उवाच दोषैः मूलाद् अवच्छिन्नैः विशुद्ध-आत्मा विमुच्यते विनाशयति सम्भूतम् अयस्मयम् अयः यथा तथा अकृतात्मा सहजैः दोषैः नश्यति राजसैः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
गुरुः | गुरु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
दोषैः | दोष | pos=n,g=m,c=3,n=p |
मूलाद् | मूल | pos=n,g=n,c=5,n=s |
अवच्छिन्नैः | अवच्छिद् | pos=va,g=m,c=3,n=p,f=part |
विशुद्ध | विशुध् | pos=va,comp=y,f=part |
आत्मा | आत्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
विमुच्यते | विमुच् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
विनाशयति | विनाशय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
सम्भूतम् | सम्भू | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
अयस्मयम् | अयस्मय | pos=a,g=n,c=2,n=s |
अयः | अयस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
यथा | यथा | pos=i |
तथा | तथा | pos=i |
अकृतात्मा | अकृतात्मन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
सहजैः | सहज | pos=a,g=m,c=3,n=p |
दोषैः | दोष | pos=n,g=m,c=3,n=p |
नश्यति | नश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
राजसैः | राजस | pos=a,g=m,c=3,n=p |