Original

शिष्य उवाच ।के दोषा मनसा त्यक्ताः के बुद्ध्या शिथिलीकृताः ।के पुनः पुनरायान्ति के मोहादफला इव ॥ २५ ॥

Segmented

शिष्य उवाच के दोषा मनसा त्यक्ताः के बुद्ध्या शिथिलीकृताः के पुनः पुनः आयान्ति के मोहाद् अफला इव

Analysis

Word Lemma Parse
शिष्य शिष्य pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
के pos=n,g=m,c=1,n=p
दोषा दोष pos=n,g=m,c=1,n=p
मनसा मनस् pos=n,g=n,c=3,n=s
त्यक्ताः त्यज् pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part
के pos=n,g=m,c=1,n=p
बुद्ध्या बुद्धि pos=n,g=f,c=3,n=s
शिथिलीकृताः शिथिलीकृ pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part
के pos=n,g=m,c=1,n=p
पुनः पुनर् pos=i
पुनः पुनर् pos=i
आयान्ति आया pos=v,p=3,n=p,l=lat
के pos=n,g=m,c=1,n=p
मोहाद् मोह pos=n,g=m,c=5,n=s
अफला अफल pos=a,g=m,c=1,n=p
इव इव pos=i