महाभारतम् — 12.202.4
Original
Segmented
भीष्म उवाच पुरा अहम् मृगयाम् यातो मार्कण्डेय-आश्रमे स्थितः तत्र अपश्यम् मुनि-गणान् समासीनान् सहस्रशः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
भीष्म | भीष्म | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
पुरा | पुरा | pos=i |
अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
मृगयाम् | मृगया | pos=n,g=f,c=2,n=s |
यातो | या | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
मार्कण्डेय | मार्कण्डेय | pos=n,comp=y |
आश्रमे | आश्रम | pos=n,g=m,c=7,n=s |
स्थितः | स्था | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
तत्र | तत्र | pos=i |
अपश्यम् | पश् | pos=v,p=1,n=s,l=lan |
मुनि | मुनि | pos=n,comp=y |
गणान् | गण | pos=n,g=m,c=2,n=p |
समासीनान् | समास् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
सहस्रशः | सहस्रशस् | pos=i |