Original

तिर्यग्योनिगतं रूपं कथं धारितवान्हरिः ।केन कार्यविसर्गेण तन्मे ब्रूहि पितामह ॥ ३ ॥

Segmented

तिर्यग्योनि-गतम् रूपम् कथम् धारितवान् हरिः केन कार्य-विसर्गेन तत् मे ब्रूहि पितामह

Analysis

Word Lemma Parse
तिर्यग्योनि तिर्यग्योनि pos=n,comp=y
गतम् गम् pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part
रूपम् रूप pos=n,g=n,c=2,n=s
कथम् कथम् pos=i
धारितवान् धारय् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
हरिः हरि pos=n,g=m,c=1,n=s
केन pos=n,g=m,c=3,n=s
कार्य कार्य pos=n,comp=y
विसर्गेन विसर्ग pos=n,g=m,c=3,n=s
तत् तद् pos=n,g=n,c=2,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=4,n=s
ब्रूहि ब्रू pos=v,p=2,n=s,l=lot
पितामह पितामह pos=n,g=m,c=8,n=s