महाभारतम् — 12.196.17
Original
Segmented
यथा कोश-अन्तरम् प्राप्य चन्द्रमा भ्राजते पुनः तद्वल् लिङ्ग-अन्तरम् प्राप्य शरीरी भ्राजते पुनः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यथा | यथा | pos=i |
कोश | कोश | pos=n,comp=y |
अन्तरम् | अन्तर | pos=a,g=m,c=2,n=s |
प्राप्य | प्राप् | pos=vi |
चन्द्रमा | चन्द्रमस् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
भ्राजते | भ्राज् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
पुनः | पुनर् | pos=i |
तद्वल् | तद्वत् | pos=i |
लिङ्ग | लिङ्ग | pos=n,comp=y |
अन्तरम् | अन्तर | pos=a,g=n,c=2,n=s |
प्राप्य | प्राप् | pos=vi |
शरीरी | शरीरिन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
भ्राजते | भ्राज् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
पुनः | पुनर् | pos=i |