Original

विकृत उवाच ।न मे धारयते किंचिद्विरूपोऽयं नराधिप ।मिथ्या ब्रवीत्ययं हि त्वा मिथ्याभासं नराधिप ॥ ८८ ॥

Segmented

विकृत उवाच न मे धारयते किंचिद् विरूपो ऽयम् नराधिप मिथ्या ब्रवीति अयम् हि त्वा मिथ्या भासम् नराधिप

Analysis

Word Lemma Parse
विकृत विकृ pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
pos=i
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
धारयते धारय् pos=v,p=3,n=s,l=lat
किंचिद् कश्चित् pos=n,g=n,c=2,n=s
विरूपो विरूप pos=a,g=m,c=1,n=s
ऽयम् इदम् pos=n,g=m,c=1,n=s
नराधिप नराधिप pos=n,g=m,c=8,n=s
मिथ्या मिथ्या pos=i
ब्रवीति ब्रू pos=v,p=3,n=s,l=lat
अयम् इदम् pos=n,g=m,c=1,n=s
हि हि pos=i
त्वा त्वद् pos=n,g=,c=2,n=s
मिथ्या मिथ्या pos=i
भासम् भास pos=n,g=m,c=2,n=s
नराधिप नराधिप pos=n,g=m,c=8,n=s