Original

संन्यास एव वेदान्ते वर्तते जपनं प्रति ।वेदवादाभिनिर्वृत्ता शान्तिर्ब्रह्मण्यवस्थितौ ।मार्गौ तावप्युभावेतौ संश्रितौ न च संश्रितौ ॥ ७ ॥

Segmented

संन्यास एव वेद-अन्ते वर्तते जपनम् प्रति वेद-वाद-अभिनिर्वृत्ता शान्तिः ब्रह्मणि अवस्थितौ मार्गौ तौ अपि उभौ एतौ संश्रितौ न च संश्रितौ

Analysis

Word Lemma Parse
संन्यास संन्यास pos=n,g=m,c=1,n=s
एव एव pos=i
वेद वेद pos=n,comp=y
अन्ते अन्त pos=n,g=m,c=7,n=s
वर्तते वृत् pos=v,p=3,n=s,l=lat
जपनम् जपन pos=n,g=n,c=2,n=s
प्रति प्रति pos=i
वेद वेद pos=n,comp=y
वाद वाद pos=n,comp=y
अभिनिर्वृत्ता अभिनिर्वृत् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
शान्तिः शान्ति pos=n,g=f,c=1,n=s
ब्रह्मणि ब्रह्मन् pos=n,g=m,c=7,n=s
अवस्थितौ अवस्था pos=va,g=m,c=1,n=d,f=part
मार्गौ मार्ग pos=n,g=m,c=1,n=d
तौ तद् pos=n,g=m,c=1,n=d
अपि अपि pos=i
उभौ उभ् pos=n,g=m,c=1,n=d
एतौ एतद् pos=n,g=m,c=1,n=d
संश्रितौ संश्रि pos=va,g=m,c=1,n=d,f=part
pos=i
pos=i
संश्रितौ संश्रि pos=va,g=m,c=1,n=d,f=part