महाभारतम् — 12.187.42
Original
Segmented
सृजते हि गुणान् सत्त्वम् क्षेत्रज्ञः परिपश्यति संप्रयोगः तयोः एष सत्त्व-क्षेत्रज्ञयोः ध्रुवः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
सृजते | सृज् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
हि | हि | pos=i |
गुणान् | गुण | pos=n,g=m,c=2,n=p |
सत्त्वम् | सत्त्व | pos=n,g=n,c=2,n=s |
क्षेत्रज्ञः | क्षेत्रज्ञ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
परिपश्यति | परिपश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
संप्रयोगः | संप्रयोग | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तयोः | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=d |
एष | एतद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सत्त्व | सत्त्व | pos=n,comp=y |
क्षेत्रज्ञयोः | क्षेत्रज्ञ | pos=n,g=m,c=6,n=d |
ध्रुवः | ध्रुव | pos=a,g=m,c=1,n=s |