महाभारतम् — 12.186.14
Original
Segmented
स्व-देशे पर-देशे वा अतिथिम् न उपवासयेत् काम्यम् कर्म-फलम् लब्ध्वा गुरूणाम् उपपादयेत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स्व | स्व | pos=a,comp=y |
देशे | देश | pos=n,g=m,c=7,n=s |
पर | पर | pos=n,comp=y |
देशे | देश | pos=n,g=m,c=7,n=s |
वा | वा | pos=i |
अतिथिम् | अतिथि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
उपवासयेत् | उपवासय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
काम्यम् | कामय् | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=krtya |
कर्म | कर्मन् | pos=n,comp=y |
फलम् | फल | pos=n,g=n,c=2,n=s |
लब्ध्वा | लभ् | pos=vi |
गुरूणाम् | गुरु | pos=n,g=m,c=6,n=p |
उपपादयेत् | उपपादय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |