महाभारतम् — 12.185.7
Original
Segmented
भरद्वाज उवाच अस्माल् लोकात् परो लोकः श्रूयते न उपलभ्यते तम् अहम् ज्ञातुम् इच्छामि तद् भवान् वक्तुम् अर्हति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
भरद्वाज | भरद्वाज | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
अस्माल् | इदम् | pos=n,g=m,c=5,n=s |
लोकात् | लोक | pos=n,g=m,c=5,n=s |
परो | पर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
लोकः | लोक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
श्रूयते | श्रु | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
न | न | pos=i |
उपलभ्यते | उपलभ् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
ज्ञातुम् | ज्ञा | pos=vi |
इच्छामि | इष् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
भवान् | भवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
वक्तुम् | वच् | pos=vi |
अर्हति | अर्ह् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |