महाभारतम् — 12.185.5
Original
Segmented
कृत्वा अग्निहोत्रम् स्व-शरीर-संस्थम् शारीरम् अग्निम् स्व-मुखे जुहोति यो भैक्ष-चर्या-उपगतैः हविर्भिः चिता-अग्नीनाम् स व्यतियाति लोकान्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कृत्वा | कृ | pos=vi |
अग्निहोत्रम् | अग्निहोत्र | pos=n,g=n,c=2,n=s |
स्व | स्व | pos=a,comp=y |
शरीर | शरीर | pos=n,comp=y |
संस्थम् | संस्थ | pos=a,g=n,c=2,n=s |
शारीरम् | शारीर | pos=a,g=m,c=2,n=s |
अग्निम् | अग्नि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
स्व | स्व | pos=a,comp=y |
मुखे | मुख | pos=n,g=n,c=7,n=s |
जुहोति | हु | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
भैक्ष | भैक्ष | pos=n,comp=y |
चर्या | चर्या | pos=n,comp=y |
उपगतैः | उपगम् | pos=va,g=n,c=3,n=p,f=part |
हविर्भिः | हविस् | pos=n,g=n,c=3,n=p |
चिता | चिता | pos=n,comp=y |
अग्नीनाम् | अग्नि | pos=n,g=m,c=6,n=p |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
व्यतियाति | व्यतिया | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
लोकान् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=p |