महाभारतम् — 12.182.3
Original
Segmented
शौच-आचार-स्थितः सम्यग् विघस-आशी गुरु-प्रियः नित्य-व्रती सत्य-परः स वै ब्राह्मण उच्यते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
शौच | शौच | pos=n,comp=y |
आचार | आचार | pos=n,comp=y |
स्थितः | स्था | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
सम्यग् | सम्यक् | pos=i |
विघस | विघस | pos=n,comp=y |
आशी | आशिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
गुरु | गुरु | pos=n,comp=y |
प्रियः | प्रिय | pos=a,g=m,c=1,n=s |
नित्य | नित्य | pos=a,comp=y |
व्रती | व्रतिन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सत्य | सत्य | pos=n,comp=y |
परः | पर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
वै | वै | pos=i |
ब्राह्मण | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उच्यते | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |