Original

चित्तस्य हि प्रसादेन हित्वा कर्म शुभाशुभम् ।प्रसन्नात्मात्मनि स्थित्वा सुखमक्षयमश्नुते ॥ २९ ॥

Segmented

चित्तस्य हि प्रसादेन हित्वा कर्म शुभ-अशुभम् प्रसन्न-आत्मा आत्मनि स्थित्वा सुखम् अक्षयम् अश्नुते

Analysis

Word Lemma Parse
चित्तस्य चित्त pos=n,g=n,c=6,n=s
हि हि pos=i
प्रसादेन प्रसाद pos=n,g=m,c=3,n=s
हित्वा हा pos=vi
कर्म कर्मन् pos=n,g=n,c=2,n=s
शुभ शुभ pos=a,comp=y
अशुभम् अशुभ pos=a,g=n,c=2,n=s
प्रसन्न प्रसद् pos=va,comp=y,f=part
आत्मा आत्मन् pos=n,g=m,c=1,n=s
आत्मनि आत्मन् pos=n,g=m,c=7,n=s
स्थित्वा स्था pos=vi
सुखम् सुख pos=n,g=n,c=2,n=s
अक्षयम् अक्षय pos=a,g=n,c=2,n=s
अश्नुते अश् pos=v,p=3,n=s,l=lat