महाभारतम् — 12.180.1
Original
Segmented
भृगुः उवाच न प्रणाशो ऽस्ति जीवानाम् दत्तस्य च कृतस्य च याति देह-अन्तरम् प्राणी शरीरम् तु विशीर्यते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
भृगुः | भृगु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
न | न | pos=i |
प्रणाशो | प्रणाश | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽस्ति | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
जीवानाम् | जीव | pos=n,g=m,c=6,n=p |
दत्तस्य | दा | pos=va,g=n,c=6,n=s,f=part |
च | च | pos=i |
कृतस्य | कृ | pos=va,g=n,c=6,n=s,f=part |
च | च | pos=i |
याति | या | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
देह | देह | pos=n,comp=y |
अन्तरम् | अन्तर | pos=a,g=m,c=2,n=s |
प्राणी | प्राणिन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
शरीरम् | शरीर | pos=n,g=n,c=1,n=s |
तु | तु | pos=i |
विशीर्यते | विशृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |