महाभारतम् — 12.177.17
Original
Segmented
ग्रहणात् सुख-दुःखस्य छिन्नस्य च विरोहणात् जीवम् पश्यामि वृक्षाणाम् अचैतन्यम् न विद्यते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ग्रहणात् | ग्रहण | pos=n,g=n,c=5,n=s |
सुख | सुख | pos=n,comp=y |
दुःखस्य | दुःख | pos=n,g=n,c=6,n=s |
छिन्नस्य | छिद् | pos=va,g=n,c=6,n=s,f=part |
च | च | pos=i |
विरोहणात् | विरोहण | pos=n,g=m,c=5,n=s |
जीवम् | जीव | pos=n,g=m,c=2,n=s |
पश्यामि | दृश् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
वृक्षाणाम् | वृक्ष | pos=n,g=m,c=6,n=p |
अचैतन्यम् | अचैतन्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
विद्यते | विद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |