महाभारतम् — 12.175.21
Original
Segmented
अहंकारस्य यः स्रष्टा सर्व-भूत-भवाय वै यतः समभवद् विश्वम् पृष्टो ऽहम् यद् इह त्वया
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अहंकारस्य | अहंकार | pos=n,g=m,c=6,n=s |
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
स्रष्टा | स्रष्टृ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
भूत | भूत | pos=n,comp=y |
भवाय | भव | pos=n,g=m,c=4,n=s |
वै | वै | pos=i |
यतः | यतस् | pos=i |
समभवद् | सम्भू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
विश्वम् | विश्व | pos=n,g=n,c=1,n=s |
पृष्टो | प्रच्छ् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ऽहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
यद् | यद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
इह | इह | pos=i |
त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |