महाभारतम् — 12.172.5
Original
Segmented
न एव प्रार्थयसे लाभम् न अलाभेषु अनुशोचसि नित्य-तृप्तः इव ब्रह्मन् न किंचिद् अवमन्यसे
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
न | न | pos=i |
एव | एव | pos=i |
प्रार्थयसे | प्रार्थय् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
लाभम् | लाभ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
अलाभेषु | अलाभ | pos=n,g=m,c=7,n=p |
अनुशोचसि | अनुशुच् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
नित्य | नित्य | pos=a,comp=y |
तृप्तः | तृप् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
इव | इव | pos=i |
ब्रह्मन् | ब्रह्मन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
न | न | pos=i |
किंचिद् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अवमन्यसे | अवमन् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |