Original

अचलितमतिरच्युतः स्वधर्मात्परिमितसंसरणः परावरज्ञः ।विगतभयकषायलोभमोहो व्रतमिदमाजगरं शुचिश्चरामि ॥ २६ ॥

Segmented

अचलित-मतिः अच्युतः स्वधर्मात् परिमित-संसरणः परावर-ज्ञः विगत-भय-कषाय-लोभ-मोहः व्रतम् इदम् आजगरम् शुचिः चरामि

Analysis

Word Lemma Parse
अचलित अचलित pos=a,comp=y
मतिः मति pos=n,g=m,c=1,n=s
अच्युतः अच्युत pos=a,g=m,c=1,n=s
स्वधर्मात् स्वधर्म pos=n,g=m,c=5,n=s
परिमित परिमा pos=va,comp=y,f=part
संसरणः संसरण pos=n,g=m,c=1,n=s
परावर परावर pos=n,comp=y
ज्ञः ज्ञ pos=a,g=m,c=1,n=s
विगत विगम् pos=va,comp=y,f=part
भय भय pos=n,comp=y
कषाय कषाय pos=n,comp=y
लोभ लोभ pos=n,comp=y
मोहः मोह pos=n,g=m,c=1,n=s
व्रतम् व्रत pos=n,g=n,c=2,n=s
इदम् इदम् pos=n,g=n,c=2,n=s
आजगरम् आजगर pos=a,g=n,c=2,n=s
शुचिः शुचि pos=a,g=m,c=1,n=s
चरामि चर् pos=v,p=1,n=s,l=lat