महाभारतम् — 12.168.7
Original
Segmented
भीष्म उवाच नष्टे धने वा दारे वा पुत्रे पितरि वा मृते अहो दुःखम् इति ध्यायञ् शोकस्य अपचितिम् चरेत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
भीष्म | भीष्म | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
नष्टे | नश् | pos=va,g=n,c=7,n=s,f=part |
धने | धन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
वा | वा | pos=i |
दारे | दार | pos=n,g=m,c=7,n=s |
वा | वा | pos=i |
पुत्रे | पुत्र | pos=n,g=m,c=7,n=s |
पितरि | पितृ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
वा | वा | pos=i |
मृते | मृ | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
अहो | अहो | pos=i |
दुःखम् | दुःख | pos=n,g=n,c=1,n=s |
इति | इति | pos=i |
ध्यायञ् | ध्या | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
शोकस्य | शोक | pos=n,g=m,c=6,n=s |
अपचितिम् | अपचिति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
चरेत् | चर् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |