महाभारतम् — 12.168.41
Original
Segmented
किंचिद् एव ममत्वेन यदा भवति कल्पितम् तद् एव परिताप-अर्थम् सर्वम् सम्पद्यते तदा
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
किंचिद् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
एव | एव | pos=i |
ममत्वेन | ममत्व | pos=n,g=n,c=3,n=s |
यदा | यदा | pos=i |
भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
कल्पितम् | कल्पय् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
एव | एव | pos=i |
परिताप | परिताप | pos=n,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
सर्वम् | सर्व | pos=n,g=n,c=1,n=s |
सम्पद्यते | सम्पद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
तदा | तदा | pos=i |