महाभारतम् — 12.166.7
Original
Segmented
उभे द्वि-रात्रम् संध्ये वै न अभ्यगात् स मे आलयम् तस्मात् न शुध्यते भावो मम स ज्ञायताम् सुहृत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
उभे | उभ् | pos=n,g=f,c=1,n=d |
द्वि | द्वि | pos=n,comp=y |
रात्रम् | रात्र | pos=n,g=m,c=2,n=s |
संध्ये | संध्या | pos=n,g=f,c=2,n=d |
वै | वै | pos=i |
न | न | pos=i |
अभ्यगात् | अभिगा | pos=v,p=3,n=s,l=lun |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
आलयम् | आलय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
तस्मात् | तस्मात् | pos=i |
न | न | pos=i |
शुध्यते | शुध् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
भावो | भाव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ज्ञायताम् | ज्ञा | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
सुहृत् | सुहृद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |