Original

रत्नराशीन्विनिक्षिप्य दक्षिणार्थे स भारत ।ततः प्राह द्विजश्रेष्ठान्विरूपाक्षो महायशाः ॥ १८ ॥

Segmented

रत्न-राशि विनिक्षिप्य दक्षिणा-अर्थे स भारत ततः प्राह द्विजश्रेष्ठान् विरूपाक्षो महा-यशाः

Analysis

Word Lemma Parse
रत्न रत्न pos=n,comp=y
राशि राशि pos=n,g=m,c=2,n=p
विनिक्षिप्य विनिक्षिप् pos=vi
दक्षिणा दक्षिणा pos=n,comp=y
अर्थे अर्थ pos=n,g=m,c=7,n=s
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
भारत भारत pos=n,g=m,c=8,n=s
ततः ततस् pos=i
प्राह प्राह् pos=v,p=3,n=s,l=lit
द्विजश्रेष्ठान् द्विजश्रेष्ठ pos=n,g=m,c=2,n=p
विरूपाक्षो विरूपाक्ष pos=n,g=m,c=1,n=s
महा महत् pos=a,comp=y
यशाः यशस् pos=n,g=m,c=1,n=s