महाभारतम् — 12.164.2
Original
Segmented
राजधर्मा उवाच भोः कश्यपस्य पुत्रो ऽहम् माता दाक्षायणी च मे अतिथिः त्वम् गुण-उपेतः स्वागतम् ते द्विजर्षभ
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
राजधर्मा | राजधर्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
भोः | भोः | pos=i |
कश्यपस्य | कश्यप | pos=n,g=m,c=6,n=s |
पुत्रो | पुत्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
माता | मातृ | pos=n,g=f,c=1,n=s |
दाक्षायणी | दाक्षायणी | pos=n,g=f,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
अतिथिः | अतिथि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
गुण | गुण | pos=n,comp=y |
उपेतः | उपे | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
स्वागतम् | स्वागत | pos=n,g=n,c=1,n=s |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=4,n=s |
द्विजर्षभ | द्विजर्षभ | pos=n,g=m,c=8,n=s |