महाभारतम् — 12.162.21
Original
Segmented
विरक्ताः च न रुष्यन्ति मनसा अपि अर्थ-कोविदाः आत्मानम् पीडयित्वा अपि सुहृद्-कार्य-परायणाः न विरज्यन्ति मित्रेभ्यो वासो रक्तम् इव आविकम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
विरक्ताः | विरञ्ज् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
च | च | pos=i |
न | न | pos=i |
रुष्यन्ति | रुष् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
मनसा | मनस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
अपि | अपि | pos=i |
अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
कोविदाः | कोविद | pos=a,g=m,c=1,n=p |
आत्मानम् | आत्मन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
पीडयित्वा | पीडय् | pos=vi |
अपि | अपि | pos=i |
सुहृद् | सुहृद् | pos=n,comp=y |
कार्य | कार्य | pos=n,comp=y |
परायणाः | परायण | pos=n,g=m,c=1,n=p |
न | न | pos=i |
विरज्यन्ति | विरञ्ज् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
मित्रेभ्यो | मित्र | pos=n,g=m,c=5,n=p |
वासो | वासस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
रक्तम् | रञ्ज् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
इव | इव | pos=i |
आविकम् | आविक | pos=a,g=n,c=1,n=s |