Original

युधिष्ठिर उवाच ।पितामह महाप्राज्ञ कुरूणां कीर्तिवर्धन ।प्रश्नं कंचित्प्रवक्ष्यामि तन्मे व्याख्यातुमर्हसि ॥ १ ॥

Segmented

युधिष्ठिर उवाच पितामह महा-प्राज्ञैः कुरूणाम् कीर्ति-वर्धन प्रश्नम् कंचित् प्रवक्ष्यामि तत् मे व्याख्यातुम् अर्हसि

Analysis

Word Lemma Parse
युधिष्ठिर युधिष्ठिर pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
पितामह पितामह pos=n,g=m,c=8,n=s
महा महत् pos=a,comp=y
प्राज्ञैः प्राज्ञ pos=a,g=m,c=8,n=s
कुरूणाम् कुरु pos=n,g=m,c=6,n=p
कीर्ति कीर्ति pos=n,comp=y
वर्धन वर्धन pos=a,g=m,c=8,n=s
प्रश्नम् प्रश्न pos=n,g=m,c=2,n=s
कंचित् कश्चित् pos=n,g=m,c=2,n=s
प्रवक्ष्यामि प्रवच् pos=v,p=1,n=s,l=lrt
तत् तद् pos=n,g=n,c=2,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=4,n=s
व्याख्यातुम् व्याख्या pos=vi
अर्हसि अर्ह् pos=v,p=2,n=s,l=lat