महाभारतम् — 12.162.1
Original
Segmented
युधिष्ठिर उवाच पितामह महा-प्राज्ञैः कुरूणाम् कीर्ति-वर्धन प्रश्नम् कंचित् प्रवक्ष्यामि तत् मे व्याख्यातुम् अर्हसि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
युधिष्ठिर | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
पितामह | पितामह | pos=n,g=m,c=8,n=s |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
प्राज्ञैः | प्राज्ञ | pos=a,g=m,c=8,n=s |
कुरूणाम् | कुरु | pos=n,g=m,c=6,n=p |
कीर्ति | कीर्ति | pos=n,comp=y |
वर्धन | वर्धन | pos=a,g=m,c=8,n=s |
प्रश्नम् | प्रश्न | pos=n,g=m,c=2,n=s |
कंचित् | कश्चित् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
प्रवक्ष्यामि | प्रवच् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
मे | मद् | pos=n,g=,c=4,n=s |
व्याख्यातुम् | व्याख्या | pos=vi |
अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |