महाभारतम् — 12.161.35
Original
Segmented
श्रेयः पुष्प-फलम् काष्ठात् कामो धर्म-अर्थयोः वरः पुष्पतो मधु इव रसः कामात् संजायते सुखम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
श्रेयः | श्रेयस् | pos=a,g=n,c=1,n=s |
पुष्प | पुष्प | pos=n,comp=y |
फलम् | फल | pos=n,g=n,c=1,n=s |
काष्ठात् | काष्ठ | pos=n,g=n,c=5,n=s |
कामो | काम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
अर्थयोः | अर्थ | pos=n,g=m,c=6,n=d |
वरः | वर | pos=a,g=m,c=1,n=s |
पुष्पतो | पुष्प | pos=n,g=n,c=5,n=s |
मधु | मधु | pos=n,g=n,c=1,n=s |
इव | इव | pos=i |
रसः | रस | pos=n,g=m,c=1,n=s |
कामात् | काम | pos=n,g=m,c=5,n=s |
संजायते | संजन् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
सुखम् | सुख | pos=n,g=n,c=1,n=s |