महाभारतम् — 12.161.19
Original
Segmented
भृत्यान् भोगैः द्विषो दण्डैः यो योजयति सो ऽर्थवान् एतत् मतिमताम् श्रेष्ठ मतम् मम यथातथम् अनयोः तु निबोध त्वम् वचनम् वाक्यकण्ठयोः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
भृत्यान् | भृत्य | pos=n,g=m,c=2,n=p |
भोगैः | भोग | pos=n,g=m,c=3,n=p |
द्विषो | द्विष् | pos=a,g=m,c=2,n=p |
दण्डैः | दण्ड | pos=n,g=m,c=3,n=p |
यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
योजयति | योजय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
सो | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽर्थवान् | अर्थवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
एतत् | एतद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
मतिमताम् | मतिमत् | pos=a,g=m,c=6,n=p |
श्रेष्ठ | श्रेष्ठ | pos=a,g=m,c=8,n=s |
मतम् | मत | pos=n,g=n,c=1,n=s |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
यथातथम् | यथातथ | pos=a,g=n,c=2,n=s |
अनयोः | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=d |
तु | तु | pos=i |
निबोध | निबुध् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
वचनम् | वचन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
वाक्यकण्ठयोः | वाक्यकण्ठ | pos=a,g=m,c=6,n=d |