Original

स्मर्तुमर्हसि कौरव्य दिष्टं तु बलवत्तरम् ।अथ वा ते स्वभावोऽयं येन पार्थिव कृष्यसे ॥ १६ ॥

Segmented

स्मर्तुम् अर्हसि कौरव्य दिष्टम् तु बलवत्तरम् अथवा ते स्वभावो ऽयम् येन पार्थिव कृष्यसे

Analysis

Word Lemma Parse
स्मर्तुम् स्मृ pos=vi
अर्हसि अर्ह् pos=v,p=2,n=s,l=lat
कौरव्य कौरव्य pos=n,g=m,c=8,n=s
दिष्टम् दिष्ट pos=n,g=n,c=1,n=s
तु तु pos=i
बलवत्तरम् बलवत्तर pos=a,g=n,c=1,n=s
अथवा अथवा pos=i
ते त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
स्वभावो स्वभाव pos=n,g=m,c=1,n=s
ऽयम् इदम् pos=n,g=m,c=1,n=s
येन यद् pos=n,g=m,c=3,n=s
पार्थिव पार्थिव pos=n,g=m,c=8,n=s
कृष्यसे कृष् pos=v,p=2,n=s,l=lat