महाभारतम् — 12.159.58
Original
Segmented
ग्रास-आच्छादनम् अत्यर्थम् दद्याद् इति निदर्शनम् भार्यायाम् व्यभिचारिण्याम् निरुद्धायाम् विशेषतः यत् पुंसाम् पर-दारेषु तत् च एनाम् चारयेद् व्रतम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ग्रास | ग्रास | pos=n,comp=y |
आच्छादनम् | आच्छादन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अत्यर्थम् | अत्यर्थम् | pos=i |
दद्याद् | दा | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
इति | इति | pos=i |
निदर्शनम् | निदर्शन | pos=n,g=n,c=1,n=s |
भार्यायाम् | भार्या | pos=n,g=f,c=7,n=s |
व्यभिचारिण्याम् | व्यभिचारिन् | pos=a,g=f,c=7,n=s |
निरुद्धायाम् | निरुध् | pos=va,g=f,c=7,n=s,f=part |
विशेषतः | विशेषतः | pos=i |
यत् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
पुंसाम् | पुंस् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
पर | पर | pos=n,comp=y |
दारेषु | दार | pos=n,g=m,c=7,n=p |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
एनाम् | एनद् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
चारयेद् | चारय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
व्रतम् | व्रत | pos=n,g=n,c=2,n=s |