महाभारतम् — 12.159.56
Original
Segmented
काले चतुर्थे भुञ्जानो ब्रह्मचारी व्रती भवेत् स्थान-आसन विहरेत् त्रिः अह्नो ऽभ्युदिताद् अपः एवम् एव निराचान्तो यः च अग्नीन् अपविध्यति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
काले | काल | pos=n,g=m,c=7,n=s |
चतुर्थे | चतुर्थ | pos=a,g=m,c=7,n=s |
भुञ्जानो | भुज् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ब्रह्मचारी | ब्रह्मचारिन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
व्रती | व्रतिन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
स्थान | स्थान | pos=n,comp=y |
आसन | आसन | pos=n,g=n,c=3,n=d |
विहरेत् | विहृ | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
त्रिः | त्रिस् | pos=i |
अह्नो | अहर् | pos=n,g=n,c=5,n=s |
ऽभ्युदिताद् | अभिवद् | pos=va,g=n,c=5,n=s,f=part |
अपः | अप् | pos=n,g=n,c=2,n=p |
एवम् | एवम् | pos=i |
एव | एव | pos=i |
निराचान्तो | निराचम् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
अग्नीन् | अग्नि | pos=n,g=m,c=2,n=p |
अपविध्यति | अपव्यध् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |