महाभारतम् — 12.158.1
Original
Segmented
युधिष्ठिर उवाच आनृशंस्यम् विजानामि दर्शनेन सताम् सदा नृशंसान् न विजानामि तेषाम् कर्म च भारत
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
युधिष्ठिर | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
आनृशंस्यम् | आनृशंस्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
विजानामि | विज्ञा | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
दर्शनेन | दर्शन | pos=n,g=n,c=3,n=s |
सताम् | सत् | pos=a,g=m,c=6,n=p |
सदा | सदा | pos=i |
नृशंसान् | नृशंस | pos=a,g=m,c=2,n=p |
न | न | pos=i |
विजानामि | विज्ञा | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
तेषाम् | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
कर्म | कर्मन् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
भारत | भारत | pos=n,g=m,c=8,n=s |