महाभारतम् — 12.157.17
Original
Segmented
कृपणान् सततम् दृष्ट्वा ततः संजायते कृपा धर्म-निष्ठाम् यदा वेत्ति तदा शाम्यति सा कृपा
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कृपणान् | कृपण | pos=a,g=m,c=2,n=p |
सततम् | सततम् | pos=i |
दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
ततः | ततस् | pos=i |
संजायते | संजन् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
कृपा | कृपा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
निष्ठाम् | निष्ठा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
यदा | यदा | pos=i |
वेत्ति | विद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
तदा | तदा | pos=i |
शाम्यति | शम् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
सा | तद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
कृपा | कृपा | pos=n,g=f,c=1,n=s |