महाभारतम् — 12.157.15
Original
Segmented
विभ्रमाल् लोक-बाह्यानाम् द्वेष्यैः वाक्यैः असंगतैः कुत्सा संजायते राजन्न् उपेक्षाभिः प्रशाम्यति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
विभ्रमाल् | विभ्रम | pos=n,g=m,c=5,n=s |
लोक | लोक | pos=n,comp=y |
बाह्यानाम् | बाह्य | pos=a,g=m,c=6,n=p |
द्वेष्यैः | द्विष् | pos=va,g=n,c=3,n=p,f=krtya |
वाक्यैः | वाक्य | pos=n,g=n,c=3,n=p |
असंगतैः | असंगत | pos=a,g=n,c=3,n=p |
कुत्सा | कुत्सा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
संजायते | संजन् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
राजन्न् | राजन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
उपेक्षाभिः | उपेक्षा | pos=n,g=f,c=3,n=p |
प्रशाम्यति | प्रशम् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |