महाभारतम् — 12.156.7
Original
Segmented
प्राप्यते हि यथा सत्यम् तत् च श्रोतुम् त्वम् अर्हसि सत्यम् त्रयोदशविधम् सर्व-लोकेषु भारत
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
प्राप्यते | प्राप् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
हि | हि | pos=i |
यथा | यथा | pos=i |
सत्यम् | सत्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
श्रोतुम् | श्रु | pos=vi |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
सत्यम् | सत्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
त्रयोदशविधम् | त्रयोदशविध | pos=a,g=n,c=1,n=s |
सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
लोकेषु | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=p |
भारत | भारत | pos=n,g=m,c=8,n=s |