Original

यच्च पैतामहं स्थानं ब्रह्मराशिसमुद्भवम् ।गुहायां पिहितं नित्यं तद्दमेनाभिपद्यते ॥ ३२ ॥

Segmented

यत् च पैतामहम् स्थानम् ब्रह्म-राशि-समुद्भवम् गुहायाम् पिहितम् नित्यम् तद् दमेन अभिपद्यते

Analysis

Word Lemma Parse
यत् यद् pos=n,g=n,c=1,n=s
pos=i
पैतामहम् पैतामह pos=a,g=n,c=1,n=s
स्थानम् स्थान pos=n,g=n,c=1,n=s
ब्रह्म ब्रह्मन् pos=n,comp=y
राशि राशि pos=n,comp=y
समुद्भवम् समुद्भव pos=n,g=n,c=1,n=s
गुहायाम् गुहा pos=n,g=f,c=7,n=s
पिहितम् पिधा pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
नित्यम् नित्यम् pos=i
तद् तद् pos=n,g=n,c=1,n=s
दमेन दम pos=n,g=m,c=3,n=s
अभिपद्यते अभिपद् pos=v,p=3,n=s,l=lat