महाभारतम् — 12.154.1
Original
Segmented
युधिष्ठिर उवाच स्वाध्याय-कृत-यत्नस्य ब्राह्मणस्य पितामह धर्म-कामस्य धर्म-आत्मन् किम् नु श्रेय इह उच्यते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
युधिष्ठिर | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
स्वाध्याय | स्वाध्याय | pos=n,comp=y |
कृत | कृ | pos=va,comp=y,f=part |
यत्नस्य | यत्न | pos=n,g=m,c=6,n=s |
ब्राह्मणस्य | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=6,n=s |
पितामह | पितामह | pos=n,g=m,c=8,n=s |
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
कामस्य | काम | pos=n,g=m,c=6,n=s |
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
आत्मन् | आत्मन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
किम् | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
नु | नु | pos=i |
श्रेय | श्रेयस् | pos=a,g=n,c=1,n=s |
इह | इह | pos=i |
उच्यते | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |