Original

यज देहि प्रजा रक्ष धर्मं समनुपालय ।अमित्राञ्जहि कौन्तेय मित्राणि परिपालय ॥ ५३ ॥

Segmented

यज देहि प्रजा रक्ष धर्मम् समनुपालय अमित्राञ् जहि कौन्तेय मित्राणि परिपालय

Analysis

Word Lemma Parse
यज यज् pos=v,p=2,n=s,l=lot
देहि दा pos=v,p=2,n=s,l=lot
प्रजा प्रजा pos=n,g=f,c=2,n=p
रक्ष रक्ष् pos=v,p=2,n=s,l=lot
धर्मम् धर्म pos=n,g=m,c=2,n=s
समनुपालय समनुपालय् pos=v,p=2,n=s,l=lot
अमित्राञ् अमित्र pos=n,g=m,c=2,n=p
जहि हा pos=v,p=2,n=s,l=lot
कौन्तेय कौन्तेय pos=n,g=m,c=8,n=s
मित्राणि मित्र pos=n,g=n,c=2,n=p
परिपालय परिपालय् pos=v,p=2,n=s,l=lot