महाभारतम् — 12.149.27
Original
Segmented
भीष्म उवाच जम्बुकस्य वचः श्रुत्वा कृपणम् परिदेवतः न्यवर्तन्त तदा सर्वे शव-अर्थम् ते स्म मानुषाः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
भीष्म | भीष्म | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
जम्बुकस्य | जम्बुक | pos=n,g=m,c=6,n=s |
वचः | वचस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
श्रुत्वा | श्रु | pos=vi |
कृपणम् | कृपण | pos=a,g=n,c=2,n=s |
परिदेवतः | परिदीव् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
न्यवर्तन्त | निवृत् | pos=v,p=3,n=p,l=lan |
तदा | तदा | pos=i |
सर्वे | सर्व | pos=n,g=m,c=1,n=p |
शव | शव | pos=n,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
स्म | स्म | pos=i |
मानुषाः | मानुष | pos=n,g=m,c=1,n=p |