महाभारतम् — 12.149.105
Original
Segmented
शोक-दैन्य-समाविष्टाः रुदन्तः तस्थिरे तदा स्व-कार्य-कुशलाभ्याम् ते संभ्राम्यन्ते ह नैपुणात्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
शोक | शोक | pos=n,comp=y |
दैन्य | दैन्य | pos=n,comp=y |
समाविष्टाः | समाविश् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
रुदन्तः | रुद् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
तस्थिरे | स्था | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
तदा | तदा | pos=i |
स्व | स्व | pos=a,comp=y |
कार्य | कार्य | pos=n,comp=y |
कुशलाभ्याम् | कुशल | pos=a,g=m,c=3,n=d |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
संभ्राम्यन्ते | संभ्रामय् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
ह | ह | pos=i |
नैपुणात् | नैपुण | pos=n,g=n,c=5,n=s |