महाभारतम् — 12.147.8
Original
Segmented
अर्वाक् च प्रतितिष्ठन्ति पुलिन्द-शबराः इव न हि अयज्ञाः अमुम् लोकम् प्राप्नुवन्ति कथंचन
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अर्वाक् | अर्वाक् | pos=i |
च | च | pos=i |
प्रतितिष्ठन्ति | प्रतिष्ठा | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
पुलिन्द | पुलिन्द | pos=n,comp=y |
शबराः | शबर | pos=n,g=m,c=1,n=p |
इव | इव | pos=i |
न | न | pos=i |
हि | हि | pos=i |
अयज्ञाः | अयज्ञ | pos=a,g=m,c=1,n=p |
अमुम् | अदस् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
लोकम् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=s |
प्राप्नुवन्ति | प्राप् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
कथंचन | कथंचन | pos=i |