महाभारतम् — 12.140.37
Original
Segmented
तेषाम् प्रीत्या यशो मुख्यम् अप्रीत्या तु विपर्ययः प्रीत्या हि अमृत-वत् विप्राः क्रुद्धाः च एव यथा विषम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तेषाम् | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
प्रीत्या | प्रीति | pos=n,g=f,c=3,n=s |
यशो | यशस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
मुख्यम् | मुख्य | pos=a,g=n,c=1,n=s |
अप्रीत्या | अप्रीति | pos=n,g=f,c=3,n=s |
तु | तु | pos=i |
विपर्ययः | विपर्यय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
प्रीत्या | प्रीति | pos=n,g=f,c=3,n=s |
हि | हि | pos=i |
अमृत | अमृत | pos=n,comp=y |
वत् | वत् | pos=i |
विप्राः | विप्र | pos=n,g=m,c=1,n=p |
क्रुद्धाः | क्रुध् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
च | च | pos=i |
एव | एव | pos=i |
यथा | यथा | pos=i |
विषम् | विष | pos=n,g=n,c=1,n=s |