Original

यस्य दस्युगणा राष्ट्रे ध्वाङ्क्षा मत्स्याञ्जलादिव ।विहरन्ति परस्वानि स वै क्षत्रियपांसनः ॥ २८ ॥

Segmented

यस्य दस्यु-गणाः राष्ट्रे ध्वाङ्क्षा मत्स्याञ् जलाद् इव विहरन्ति पर-स्वानि स वै क्षत्रिय-पांसनः

Analysis

Word Lemma Parse
यस्य यद् pos=n,g=m,c=6,n=s
दस्यु दस्यु pos=n,comp=y
गणाः गण pos=n,g=m,c=1,n=p
राष्ट्रे राष्ट्र pos=n,g=n,c=7,n=s
ध्वाङ्क्षा ध्वाङ्क्ष pos=n,g=m,c=1,n=p
मत्स्याञ् मत्स्य pos=n,g=m,c=2,n=p
जलाद् जल pos=n,g=n,c=5,n=s
इव इव pos=i
विहरन्ति विहृ pos=v,p=3,n=p,l=lat
पर पर pos=n,comp=y
स्वानि स्व pos=n,g=n,c=2,n=p
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
वै वै pos=i
क्षत्रिय क्षत्रिय pos=n,comp=y
पांसनः पांसन pos=a,g=m,c=1,n=s