Original

क्षिप्रमागच्छ भद्रं ते त्वं मे प्राणसमः सखा ।तव प्राज्ञ प्रसादाद्धि क्षिप्रं प्राप्स्यामि जीवितम् ॥ ७६ ॥

Segmented

क्षिप्रम् आगच्छ भद्रम् ते त्वम् मे प्राण-समः सखा तव प्राज्ञ प्रसादात् हि क्षिप्रम् प्राप्स्यामि जीवितम्

Analysis

Word Lemma Parse
क्षिप्रम् क्षिप्रम् pos=i
आगच्छ आगम् pos=v,p=2,n=s,l=lot
भद्रम् भद्र pos=n,g=n,c=1,n=s
ते त्वद् pos=n,g=,c=4,n=s
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
प्राण प्राण pos=n,comp=y
समः सम pos=n,g=m,c=1,n=s
सखा सखि pos=n,g=,c=1,n=s
तव त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
प्राज्ञ प्राज्ञ pos=a,g=m,c=8,n=s
प्रसादात् प्रसाद pos=n,g=m,c=5,n=s
हि हि pos=i
क्षिप्रम् क्षिप्रम् pos=i
प्राप्स्यामि प्राप् pos=v,p=1,n=s,l=lrt
जीवितम् जीवित pos=n,g=n,c=2,n=s