महाभारतम् — 12.136.137
Original
Segmented
अर्थ-युक्तिम् अविज्ञाय यः शुभे कुरुते मतिम् मित्रे वा यदि वा शत्रौ तस्य अपि चलिता मतिः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
युक्तिम् | युक्ति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
अविज्ञाय | अविज्ञाय | pos=i |
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
शुभे | शुभ | pos=a,g=n,c=7,n=s |
कुरुते | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
मतिम् | मति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
मित्रे | मित्र | pos=n,g=m,c=7,n=s |
वा | वा | pos=i |
यदि | यदि | pos=i |
वा | वा | pos=i |
शत्रौ | शत्रु | pos=n,g=m,c=7,n=s |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
अपि | अपि | pos=i |
चलिता | चल् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
मतिः | मति | pos=n,g=f,c=1,n=s |